लुभावाने गमले में
बोनसाई पौधा,
किसी पर्वत के निकट
अस्सी फुट ऊँचा पेड़ होता
अगर ठूंठ ना हो जाता बिजली गिरने से.
मगर माली ने
बड़े जतन से छांटा इसे.
नौ इंच लंबा है यह.
हर रोज जब छांटता है टहनी
माली गुनगुनाता है,
यही है तुम्हारा स्वाभाव
छोटा और कोमल होना,
घरेलु और दुर्बल,
कितने खुशकिस्मत, नन्हे पेड़,
किमयस्सर है तुम्हारे लिए ऐसा गमला.
शुरू-शुरू में ही बाधित करना
शुरू करना होता है
जीवित प्राणी का विकास.
बाधित पैर,
विकलांग मस्तिष्क,
घुंघराले बाल,
कोमल प्यारे हाथ.
बोनसाई पौधा,
किसी पर्वत के निकट
अस्सी फुट ऊँचा पेड़ होता
अगर ठूंठ ना हो जाता बिजली गिरने से.
मगर माली ने
बड़े जतन से छांटा इसे.
नौ इंच लंबा है यह.
हर रोज जब छांटता है टहनी
माली गुनगुनाता है,
यही है तुम्हारा स्वाभाव
छोटा और कोमल होना,
घरेलु और दुर्बल,
कितने खुशकिस्मत, नन्हे पेड़,
किमयस्सर है तुम्हारे लिए ऐसा गमला.
शुरू-शुरू में ही बाधित करना
शुरू करना होता है
जीवित प्राणी का विकास.
बाधित पैर,
विकलांग मस्तिष्क,
घुंघराले बाल,
कोमल प्यारे हाथ.
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