Sunday, November 18, 2012

फिलीस्तीनी बच्चों के लिए लोरी -फैज़

मत रो बच्चे
रो रो के अभी
तेरे अम्मी की आँख लगी है

मत रो बच्चे
कुछ ही पहले
तेरे अब्बा ने
अपने गम से रुख्सत ली है

मत रो बच्चे
तेरा भाई
अपने ख्वाब की तितली पीछे
दूर कहीं परदेस् गया है

मत रो बच्चे
तेरी बाजी का
डोला पराये देश गया है

मत रो बच्चे
तेरे आँगन में
मुर्दा सूरज नहला के गये हैं
चन्दरमा दफना के गये हैं

मत रो बच्चे
गर तू रोयेगा तो ये सब
अम्मी, अब्बा, बाजी, भाई
चाँद और सूरज

और भी तुझको रुलवायेंगे
तू मुस्कुराएगा तो शायद
सारे इक दिन भेस बदलकर
तुझसे खेलने लौट आयेंगे